प्रश्न १: नीचे दिए गए गद्यांश पर आधारित प्रश्नों के सही विकल्प छाँटिए:- (5) “भारत संसार के प्राचीनतम देशों में से एक है। भारत की भूमि में समन्वय की विशिष्ट भावना समाई हुई है। यही कारण है कि आर्य, द्रविड, शक, कुषाण आदि अनेकानेक सभ्यताएँ और संस्कृतियाँ यहाँ की धरती में घुल-मिल गई हैं। इसी कारण भारत के लिए, "अनेकता में एकता “ जैसे विशेषणों का प्रयोग होता है। इन्हीं तमाम संस्कृतियों के मिले-जुले प्रभाव और ज्ञान की अपार संपदा के कारण भारत को विश्व-गुरुकी पदवी प्राप्त हुई है। यह भारत देश ही है जिसने विश्व को शून्य जैसे आविष्कार से परिचित कराया, जिस कारण आज विज्ञान उन ऊँचाइयों तक पहुँच सका, जिससे आज मनुष्य चांद पर कदम रखने योग्य हो पाया है। यह भारत ही है जिसने विश्व को वेद और उपनिषद जैसा ज्ञान दिया, जिसमें मन के भीतर हुए गूढ़ ज्ञान और दर्शन के अमूल्य ज्ञान का भंडार निहित है। हमारे लिए यह अत्यंत गर्व की बात है कि हमने उस धरती पर जन्म लिया ,जो भगवान राम और कृष्ण की बाल लीलाओं की साक्षी रही है। जिसने अर्जुन का पराक्रम देखा है, हनुमान की भक्ति देखी है, बुद्ध का वैराग्य देखा है, विवेकानंद का तेज देखा है और स्वामी दयानंद का अद्भुत ज्ञान देखा है। इस भारत भूमि की महत्ता स्वर्ग से भी अधिक है। जिस धरती पर भगवान विष्णु ने दस रूपों में अवतार लिया उसी धरती पर जन्म लेने वाले हम भारतवासी सचमुच बहुत भाग्यशाली हैं।” निम्नलिखित प्रश्नो के उत्तरों में से सही विकल्प का चयन कीजिए:- 1: "भारत की भूमि में समन्वय की विशिष्ट भावना समाई हुई है”, का आशय है : - (1) I) कई तरह की मिट्टी का होना ii) मिली - जुली संस्कृति का होना iii) पाश्चात्य सभ्यता से प्रेरित होना iv) समुद्र से घिरे होना 2: भारत को विश्व गुरू की पदवी प्राप्त हुई है - (1) I) प्राचीनतम देश होने के कारण II) अनेकता में एकता के कारण III) ज्ञान, अपार संपदा के कारण Iv) उपरोक्त सभी 3: मनुष्य को चाँद पर कदम रखने योग्य बनाने में भारत का क्या योगदान है ? (1) I) अंतरिक्ष यान की खोज II) ग्रहों की खोज III) 'शून्य की खोज Iv) चंद्रमा की खोज 4: मन के भीतर छिपे गूढ़ ज्ञान और दर्शन के अमूल्य ज्ञान का भंडार निहित है:- (1) I) प्रयोगशालाओं में II) 'वेदों और उपनिषदों में III) उपन्यासों और कहानियों में Iv) मन की कल्पनाओं में 5: 'वैराग्य'शब्द का पर्यायवाची है :- (1) I) राग II) विरक्ति III) विराट Iv) वैर